Health Insurance Policy Rule Updates: अपडेट पर अपडेट हो गए ये खास नियम, नुकसान से बचने के लिए तुरंत जानें

Health Insurance Policy Rule Updates. अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने जा रहे हैं या फिर पहले से आपके पास कोई पॉलिसी है। तो आपको हाल ही में किए गए यह महत्वपूर्ण अपडेट जरूर जानना चाहिए। जिससे इनका फायदा उठा पाएं और कोई परेशानी होने पर जानकारी रहे है। अब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ज्यादा लचीली हो गई है। देश में इंश्योरेंस पॉलिसी को भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) सरकारी संस्थान रेगूलेट करती है। जिससे समय-समय पर इंश्योरेंस पॉलिसी नियम नए नियम लागू होते रहते है। तो लोगों के लिए बड़े सहुलियत और लाभ प्रदान करते हैं। हम आप को यहां पर हाल ही में हुए खास नियमों में (Health Insurance Policy Rule Updates) अपडेट की जानकारी दे रहे है।

दरअसल भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के 1 अक्टूबर 2024 से नए नियम लागू किए है, जिससे अब स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां ग्राहकों के लिए लचीली और ज़्यादा अनुकूल हो गई हैं। जिससे इन महत्वपूर्ण अपडेट (Health Insurance Policy Updates) में जो नए नियम हैं, पॉलिसी सरेंडर करने पर ज्यादा रिफंड, सीनियर सीटिजन के लिए अपडेट, स्वास्थ्य बीमा का दायरा बढ़ने से लेकर कई है, जिनके बारे में हम यहां पर एक-एक करके प्रकाश डालते है, जो आप जानकार इनका फायदा उठा सकते हैं।

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बढ़ गया हेल्थ इंश्योरेंस का दायरा

इंश्योरेंस को रेगुलेट कर रही सरकारी संस्था भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance Policy Rule Updates) का दायरा बढ़ा दिया है। जिसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी। अब हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ऐसे विभिन्न वर्ग के लिए पॉलिसी बेच सकेगीं जो इस दायरे से छूटे थे। जिसमें मानसिक रोगियों, स्पेशल बच्चे, ट्रांसजेंडर और एचआईवी जैसे लोगों से संक्रमित व्यक्ति पॉलिसी खरीदने के दायरे में आएंगे। यहां पर IRDAI के ओर से जारी निर्देश में कंपनी इन लोगों को पॉलिसी बेच सकती है, जिससे यहां पर अब इस वर्ग के लिए जो आते हैं, तो फायदा उठा सकते हैं।

सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस में हो गया अपडेट

सीनियर सिटीजन के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के (Health Insurance Policy Rule Updates) अधिकतम आयु सीमा पाबंदी को समाप्त कर दिया है। अब कोई भी व्यक्ति आईआरडीए के नए नियम से 65 वर्ष की आयु तक नई हेल्थ इंश्योरेंस नई बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं। नए अपडेट में व्यक्ति अपने उम्र की परवाह किए बिना अपने लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकता है, बता दें कि पहले बुजर्गों को अपने लिए हेल्थ बीमा खरीदने की उम्र सीमा के नियम का परेशानी थी जो अब खत्म हो गई है। सीनियर सिटीजन इस नए अपडेट में पॉलसी चुनकर अपने जोखिम को कवर कर सकते हैं।

बीमारियों के कवर अवधि में हो गया खास बदलाव

IRDAI ने पहले से मौजूद बीमारियों की वेटिंग ड्यूरेशन को 48 महीने से घटकर अब 36 महीना कर दिया है। इसका मतलब है  सभी पहले की मौजूद बीमारियों को 36 महीने के बाद कवर किया जाना चाहिए। इस कंडीशन में जब पॉलिसी खरीदने वाले ग्राहक ने खुलासा किया हो या नहीं। इसका आसान भाषा में मतलब समझे तो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी 36 महीने के बाद पहले की मौजूदा बीमारियों को हवाला देते हुए क्लेम को रिजेक्ट नहीं कर सकते।

बीमा पॉलिसी सरेंडर पर नया अपडेट

इस नए नियम के तहत भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने अपने जीवन बीमा पॉलिसी को सरेंडर करने वाले पॉलिसी धारक को बेहतर रिटर्न देने के लिए सेरेंडर वैल्यू पर नया नियम ला दिया है। जहां पर इंश्योरेंस में सरेंडर वैल्यू का मतलब उसे रकम से है। जो पॉलिसी की मैच्योरिटी तिथि से पहले पॉलिसी लौटने पर इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी धारक को पेमेंट करती है। यह नियम जब लागू होता है। तब ग्राहक पॉलिसी चलने के समय उसे लौटने का काम करता है। तो उनके इनकम और सेविंग पास हिस्सा दिया जाएगा।

पॉलिसी बंद करने पर इतने प्रतिशत मिलेगा रिफंड

कोई भी ग्राहक पॉलिसी को खरीदता है तो किसी भी समय अपने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को बंद कर सकता है। तो यहां पर प्रीमियम भरने के अनुपात में रिफंड हासिल कर सकता है। जैसे हम उदाहरण के तौर पर समझे कि कोई ग्राहक ने प्रीमियम राशि के रूप में ₹14000 जमा किया है। यानी कि भुगतान कर दिया है और 6 महीने बाद ही अपनी खरीदी पॉलिसी को बंद करने का फैसला करता है। तो इस कॉडिशन में ग्राहक को 7000 रुपए का रिफंड मिलेगा। हालांकि इस मामले में अगर इंश्योरेंसकर्ता ग्राहक के दावे का रिजेक्ट करता है। तो इस कंडीशन में पॉलिसी धारक को ग्राहक को पॉलिसी बंद करने और उसे रिफंड पानी का विकल्प होगा।

5 साल के बाद भी क्लेम नहीं होगा रिजेक्ट

देश में बीमा सेक्टर को रेगुलेट कर रही सरकारी संस्था आईआरडीएआई (IRDAI )के नए नियम में 5 साल के बाद किसी भी क्लेम को रिजेक्ट नहीं किया जा सकता है। जिससे नए नियमों के अनुसार बीमाकर्ता 5 साल के बाद नों डिस्क्लोजर और गलत बयान के आधार पर किसी भी पॉलिसी के दावे का विरोध नहीं किया जा सकता है।

अब मिलेगा बेहतर क्लेम अनुभव

IRDAI ने बीमा कंपनियों (Health Insurance Policy Rule Updates) और थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर को आवश्यक दस्तावेज सीधे अस्पताल से कलेक्ट करने का निर्देश दिया है इसे आसान भाषा में समझे तो नए नियम के बाद पॉलिसीधारक से क्लेम अनुरोध करने के लिए मांगे जाने वाले दस्तावेज को ग्राहकसे जमा करने का जोर नहीं दे सकते हैं। ऐसे में कंपनियों को अब यहां पर अस्पताल से क्लेम दस्तावेज एकत्र करने का निर्देश मिले हैं। इसके साथ ही कंपनियों को 1 घंटे के भीतर कैशलैस क्लेम पर काम करना होगा।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हम IRDAI  के द्धारा किए गए हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में अपडेट (Health Insurance Policy Rule Updates) बताए है, जिससे यह नियम ग्राहकों और  बीमा कंपनियों पर असर डालगें, जिससे पॉलिसी धारक को यहां पर ध्यान में रखनी की इन Health Insurance Policy Updates में कई सहुलियत होने वाली है। आप को यह लेख जरुर पंसद आया होगा, जिससे आप इस लेख को जरुरतमंद के साथ जरुर शेयर करें और खास जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें।

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डिस्क्लेमर- यहां पर दी गई जानकारी इंटरनेट पर मौजूद विभिन्न सोर्स से जुटाई गई है। जिससे यहां पर कोई त्रुटि हो सकती है। यह जानकारी सिर्फ शिक्षात्मक उद्देश्य के लिए है। किसी भी लोन, फाइनेंस, बीमा का आवेदन करने या फिर कोई फैसला लेने से पहले अधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। यहां पर लिया गया फैसला आप का होगा।

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